Computer Basics in Hindi | कंप्यूटर क्या है

कंप्यूटर को जाने , कंप्यूटर क्या है 

कंप्यूटर आज हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है । वैसे तो भारत में कंप्यूटर का प्रचलन सन 1980 के दशक में ही आरंभ हुआ था । तुम बहुत ही कम लोग जानते थे दिन प्रति दिन कंप्यूटर का विकास होता रहा और इसकी उपयोगिता बढ़ती गई साथ में इसका प्रयोग करना आसान भी हो गया।
 तो आइए जानते हैं आखिर एक कंप्यूटर होता क्या है ?
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है, जिसमें हम रॉ डाटा देख कर उसे प्रोग्राम के नियंत्रण द्वारा मीनिंग फुल इनफार्मेशन में बदल सकते हैं। 
आइए आसान शब्दों में समझते हैं कंप्यूटर क्या है
इंसानों के द्वारा बनाया हुआ एक ऐसा मशीन है जो कि हमारे द्वारा कुछ कमांड लेते हैं उसके बाद खुद में कुछ प्रोसेसिंग करते हैं उसके बाद उसका सही रिजल्ट हमें देते हैं



History of computer ( कंप्यूटर का इतिहास )

कंप्यूटर का इतिहास अबेकस के जन्म के साथ शुरू होता है, जिसे पहला कंप्यूटर माना जाता है। 
ऐसा कहा जाता है कि चीनी ने लगभग 4,000 साल पहले अबेकस का आविष्कार किया था।

Frist Generation Computer

पहली पीढ़ी (1946-1959) के कंप्यूटर धीमे, विशाल और महंगे थे। इन कंप्यूटरों में, वैक्यूम ट्यूब का उपयोग सीपीयू और मेमोरी के मूल घटकों के रूप में किया जाता था। ये कंप्यूटर मुख्य रूप से बैच ऑपरेटिंग सिस्टम और पंच कार्ड पर निर्भर थे।इस पीढ़ी में आउटपुट और इनपुट डिवाइस के रूप में मैग्नेटिक टेप और पेपर टेप का उपयोग किया गया था
इस पीढ़ी के कुछ प्रमुख कंप्यूटर 
  • ENIAC ( Electronic Numerical Integrator and Computer)
  • EDVAC ( Electronic Discrete Variable Automatic Computer)
  • UNIVAC( Universal Automatic Computer)
  • IBM-701
  • IBM-650

Second Generation Computer

दूसरी पीढ़ी (1959-1965) ट्रांजिस्टर कंप्यूटर का युग था। इन कंप्यूटरों में ट्रांजिस्टर का उपयोग किया जाता था। जो सस्ते, कॉम्पैक्ट और कम बिजली की खपत करते थे इसने पहली पीढ़ी के कंप्यूटरों की तुलना में तेजी से ट्रांजिस्टर कंप्यूटर बनाए।इस पीढ़ी में, चुंबकीय कोर का उपयोग प्राथमिक मेमोरी के रूप में किया जाता था और चुंबकीय डिस्क और टेप को द्वितीयक भंडारण के रूप में उपयोग किया जाता था। इन कंप्यूटरों में असेंबली लैंग्वेज और प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जैसे COBOL और FORTRAN, और बैच प्रोसेसिंग और मल्टीप्रोग्रामिंग ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग किया गया था। 
इस पीढ़ी के कुछ प्रमुख कंप्यूटर 
  • IBM 1620
  • IBM 7094
  • CDC 1604
  • CDC 3600
  • UNIVAC 1108


Third Generation Computer

तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर ट्रांजिस्टर के बजाय एकीकृत सर्किट (आईसी) का उपयोग करते थे। एक एकल आईसी ट्रांजिस्टर की बड़ी संख्या को पैक कर सकता है जिसने कंप्यूटर की शक्ति को बढ़ाया और लागत को कम किया। कंप्यूटर भी अधिक विश्वसनीय, कुशल और आकार में छोटे हो गए। ये पीढ़ी के कंप्यूटर रिमोट प्रोसेसिंग, टाइम-शेयरिंग, मल्टी प्रोग्रामिंग को ऑपरेटिंग सिस्टम के रूप में इस्तेमाल करते थे। साथ ही, उच्च-स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाओं जैसे कि FORTRON-II TO IV, COBOL, PASCAL PL / 1, ALGOL-68 का उपयोग इस पीढ़ी में किया गया था।
इस पीढ़ी के कुछ प्रमुख कंप्यूटर 
  • IBM-360 series
  • Honeywell-6000 series
  • PDP(Personal Data Processor)
  • IBM-370/168
  • TDC-316

Fourth Generation Computer

चौथी पीढ़ी (1971-1980) कंप्यूटरों ने बड़े पैमाने पर एकीकृत (वीएलएसआई) सर्किट का इस्तेमाल किया। एक चिप जिसमें लाखों ट्रांजिस्टर और अन्य सर्किट तत्व होते हैं। इन चिप्स ने इस पीढ़ी के कंप्यूटरों को अधिक कॉम्पैक्ट, शक्तिशाली, तेज और सस्ती बना दिया। ये पीढ़ी के कंप्यूटर वास्तविक समय, समय साझा करने और वितरित ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग करते थे। इस पीढ़ी में C, C ++, DBASE जैसी प्रोग्रामिंग भाषाओं का भी उपयोग किया गया था।
इस पीढ़ी के कुछ प्रमुख कंप्यूटर 
  • DEC 10
  • STAR 1000
  • PDP 11
  • CRAY-1(Super Computer)
  • CRAY-X-MP(Super Computer)

Fifth Generation Computer

पांचवीं पीढ़ी (1980-अब तक) के कंप्यूटरों में वीएलएसआई तकनीक को यूएलएसआई (अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेशन) से बदल दिया गया। इसने दस मिलियन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ माइक्रोप्रोसेसर चिप्स के उत्पादन को संभव बनाया। इस पीढ़ी के कंप्यूटर समानांतर हार्डवेयर और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते थे। इस पीढ़ी में उपयोग की जाने वाली प्रोग्रामिंग भाषाएं C, C ++, Java, .Net आदि थीं।
इस पीढ़ी के कुछ प्रमुख कंप्यूटर 
  • Desktop
  • Laptop
  • NoteBook
  • UltraBook
  • ChromeBook

Uses of computer( कंप्यूटर का उपयोग )

आज के आधुनिक समाज में कंप्यूटर का बहुत बड़ा योगदान है। शायद ही कोई क्षेत्र होगा, जहां कंप्यूटर महत्वपूर्ण भूमिका ना निभाता हो। लगभग सभी सरकारी, अर्ध सरकारी एवं प्राइवेट संस्थानों में कंप्यूटर का खूब प्रयोग हो रहा है ।
Bank
बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थानों में कंप्यूटर का प्रयोग खाता रखने के लिए किया जाता है । हजारों व्यक्तियों के खाते का विवरण मोटे मोटे लेजर में ढूंढना अस्मिता जनक होता था इसमें समय भी बहुत लगता था , परंतु कंप्यूटर में केवल किसी व्यक्ति का अकाउंट नंबर टाइप करके एक बटन दबाकर उसका पूरा विवरण पलक झपकते ही प्राप्त किया जा सकता है । कंप्यूटर के बिना बैंकिंग की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
Education
स्कूलों में गणित , विज्ञान और भूगोल जैसे विषय  पढ़ाने हेतु कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है  । इसका प्रमुख लाभ यह है कि टीचर को बार-बार रेखा चित्रों एवं मानचित्र  बोर्ड पर बनाने और मिटाने की आवश्यकता नहीं पड़ती, बल्कि कंप्यूटर पर  बनाए रेखा चित्रों एवं मान चित्रों को मात्र एक बटन दबाकर स्क्रीन पर दिखाया जाता है और उसके रंगों इत्यादि के प्रयोग से स्पष्ट करते हुए आसानी से पढ़ा एवं समझाया जाता है। 
Hospital
हॉस्पिटल की सर्जिकल मशीनों को कंप्यूटर से जोड़कर ऑपरेशन जैसी गतिविधियां करना हॉस्पिटल का प्रमुख कार्य होता है  । इसका एक उदाहरण आंख की जांच करने वाली मशीन ,जो कंप्यूटर द्वारा संचालित होती है  । मरीजों का रिकॉर्ड रखना भी कंप्यूटर का एक आवश्यक कार्य है ।
Office
ऑफिस में लेटर टाइप करने और प्रिंट निकाल कर भेजने का अतिरिक्त कर्मचारियों के वेतन का हिसाब करने जैसे  कार्य कंप्यूटर द्वारा किए जाते हैं । इंटरनेट के माध्यम से ईमेल द्वारा मैसेज भेज सकते हैं ,   फैक्स का  कार्य भी कंप्यूटर से किया जाता है ।
Engineering
पुल,मकान,गाड़ियां  आदि  बनाने से पहले उनका तकनीकी डिजाइन बनाया जाता है ।यह कार्य पहले इंजीनियर कागज पर करते थे और किसी भी प्रकार का बदलाव करने के लिए दूसरे डिजाइन को दोबारा बनना पड़ता था।आज कल  कंप्यूटर पर इंजीनियरिंग डिजाइन बनाने के लिए सॉफ्टवेयर उपलब्ध है, जो मात्र कुछ डाटा इनपुट करने पर स्वत  ही  डिजाइन बना देते हैं । उनको अपनी आवश्यकता के अनुसार बदलाव करने करके  अंतिम रूप दिया जाता है । डिजाइन में चाहे जितनी बदलाव करें पूरी डिजाइन को मिटाने और दोबारा बनाने की आवश्यकता नहीं पड़ती है 


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